Powered By Blogger

Wednesday, March 6, 2013

बिज़ली




बिज़ली सी कोंध जाती, अन्धेरी रात के सन्नाटे मे,
हुस्न का "ज़लवा", ज्वालामुखी सा फ़ुटता मन मे !

सजन

No comments:

Post a Comment