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Wednesday, March 6, 2013

एतराज़



मैं तेरे हुश्न के गरूर से नशा किया, एतराज़ न जाने तूने क्यों किया,
तुझ पर एतवार करके, ग़म का, ज़िन्दगी भर दिल पर ज़ख्म लिया,

सजन

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