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Saturday, September 8, 2012

प्यार की ख्वाइस है मेरी भी

प्यार की ख्वाइस है मेरी भी

मुझे ख्वाइस है किसी के प्यार की
मालूम मुझे तकलीफे इस मंजर की
फिर भी चाहत है किसी दिलवर की
हाँ, मैं नाकाबिल रहूँगा, यह ईलम भी
                                                 
                    सुना था किसीके दीदार से बडने की
                    या  बिन मुलाकात थम जाने की
                    मुझे परखना है धडकने दिल की
                    जी लेते है लोग? दिल धडके या नहीं भी
नजर से नजर की आंख-मिचोली की
दिलवर की मोहब्बत भरी नजर की
सर्द, या नाजुक छबि किसी नजर की
कैसी होती यह नजर, देखना है मुझे भी
                    दिल से दिल के लगन या मिलन की
                    कियों मिल जाते,दिल.पता लगाने की
                    किसी पराये दिल को अपना दिल बनाने की
                    यह अनबूझा लेन-देन चाहे मेरा दिल भी
जज्वा कहें, जूनून कहें, राहें प्यार की
चाहत कहें, जरूरत कहें, शर्त जीने की
प्यार होता कियूं ? बात है समझने की
तभी तो  प्यार की ख्वाइस है मेरी भी

:-सजन कुमार मुरारका

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