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Friday, March 16, 2012

.नवबर्ष

.नवबर्ष
फिर मची दुनिया मैं हलचल,
क्या बुरा हुआ, हुआ क्या भला;
बीते साल की चर्चा का बाज़ार चला
यह साल चला, नया है जो आनेवाला

सभी ने कहा मुबारक हो नयासाल
पुरातन गया, नये का स्वागत बिशाल
हर्ष-बधाई, संदेशों का माया जाल
नव वर्ष की शुभकामनाएं बेमिसाल

पर अपनी गति से समय चला;
वह साल चला, यह साल भी चला।
आनेवाला ’कल’ ’आज’ लगे भला
जो  "कल" "आज" था वह बीत चला

जग मैं उमंग भरी, नाचे जग सारे
जैसे गगन में रवि-शशि-तारे,
मन हर्षाये नई आशाओं के सहारे
चातक सी उम्मीद रख बेचारे।

वक्त बदला-ऋतु बदली, मौसम बदला;
चर्चा-विवाद, घात-प्रतिघात का दौर चला
 दंगा-फसाद, हम-तुम का जोर चला
वह साल चला, नया साल आ चला।

आज अंतिम,कल होगा नया दिन पहला
खिले नया सूरज, आशा का दीप जला
रिश्ते-नाते,प्रेम- प्यार का बोलवाला
जीबन मैं न हो संताप, न दुःख की ज्वाला
मुबारक नया साल, सब का हो भला

:- सजन कुमार मुरारका
 

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